माँ के चरणों में है सुख और समृद्धि का स्वर्ग,
नवरात्रि के त्योहार पर मिले आपको खुशियों का प्यार।
काली तू महाकाली तू, दुर्गा तू नवदुर्गा,
हर दुःख-दर्द से हो आपका मुक्ति कार्यक्रम।
माँ के आगमन का स्वागत करें और उनके चरणों में हो सबका मन संतुष्ट।
माँ के चरणों में है सुख और शांति की बरसात,
आपके दिल से सभी कष्टों का समापन हो जय माता दी !!
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।
नवरात्रि के इस महत्वपूर्ण त्योहार में हो सभी का मन सांवला और भक्तिपूर्ण।
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि सभी भाग्य के प्रदाता भगवान मंगल, देवी ब्रह्मचारिणी द्वारा शासित हैं. भविष्य पुराण के अनुसार इस दिन साधक अपने मन को माँ के चरणों में लगाते हैं। ब्रह्म का अर्थ है तप और चारिणी का अर्थ आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तपस्या का आचरण करने वाली। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएँ हाथ में कमण्डल रहता है। इस दिन साधक कुंडलिनी शक्ति को जगाने के लिए भी साधना करते हैं। जिससे उनका जीवन सफल हो सके और अपने सामने आने वाली किसी भी प्रकार की मुश्किलों का सामना आसानी से कर सकें।
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माँ के चरणों में हो भक्ति और प्रेम का राग।
माँ के आगमन से हो सबका मन खुशियों से भरा हुआ।
पल खुशियों से भरा हो नवरात्रि की शुभकामनाएँ !!